
शौचालय और बाउंड्रीवॉल के अभाव में छात्र-शिक्षक हो रहे परेशान
(परशुराम कैवर्त – शिखर न्यूज़)
बरोली/बसना :- क्षेत्र का प्रमुख शिक्षण संस्थान शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरोली आज गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। यह विद्यालय सैकड़ों विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण का केंद्र है, लेकिन सुविधाओं के अभाव और प्रशासनिक लापरवाही के कारण यहाँ शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। एक ओर शिक्षकों की भारी कमी से कक्षाएं प्रभावित हैं,वहीं दूसरी ओर विद्यालय परिसर में शौचालय और बाउंड्रीवॉल जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव विद्यार्थियों के लिए बड़ी समस्या बन गया है।
विद्यालय में करीब पाँच सौ से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं,परंतु शिक्षकों की संख्या बहुत सीमित है। हिन्दी,अंग्रेजी और भौतिकी जैसे मुख्य विषयों के शिक्षकों के अभाव में छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। विद्यार्थियों को या तो अन्य विषय के शिक्षक से सीमित मार्गदर्शन मिल पाता है या स्वयं अध्ययन पर निर्भर रहना पड़ता है। शिक्षक पद रिक्त होने के बावजूद अब तक शासन-प्रशासन की ओर से कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की गई है।
शिक्षकों की कमी बनी गंभीर चुनौती
राज्य शासन ने शिक्षकों की नियुक्ति और समायोजन के लिए युक्तिकरण नीति लागू की थी,ताकि सभी शासकीय विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की पूर्ति की जा सके। लेकिन बरोली उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इस नीति के लाभ से वंचित रह गया है। वर्तमान में यहाँ केवल कुछ विषयों के ही शिक्षक हैं, जिससे विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी और प्रायोगिक कार्यों में कठिनाई आ रही है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह रही है और इसका सीधा असर उनके भविष्य पर पड़ेगा।
शौचालय नहीं,छात्रों को मजबूरी में स्कूल से बाहर जाना पड़ता है
विद्यालय में लड़कों के लिए शौचालय न होने से छात्र खुले में या विद्यालय परिसर के बाहर जाने को विवश हैं। इससे न केवल स्वच्छता और स्वास्थ्य की समस्या उत्पन्न हो रही है, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी यह स्थिति चिंताजनक है। छात्र और शिक्षक दोनों इस समस्या से लंबे समय से परेशान हैं। शासन द्वारा स्वच्छ विद्यालय मिशन के अंतर्गत हर विद्यालय में शौचालय निर्माण की घोषणा की गई थी,लेकिन बरोली विद्यालय अब तक उससे वंचित है।
बाउंड्रीवॉल निर्माण की फाइल थमी, सामग्री आने के बाद भी नहीं शुरू हुआ काम विद्यालय की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। इसके लिए रेत और ईंट जैसी सामग्री लगभग एक माह पहले पहुँचा दी गई है, परंतु निर्माण कार्य आज तक प्रारंभ नहीं हो पाया। विद्यालय परिसर खुला होने के कारण अवांछित तत्वों का आना-जाना लगा रहता है,जिससे न केवल सुरक्षा बल्कि विद्यालय की अनुशासन व्यवस्था पर भी असर पड़ता है। ग्रामीणों ने कई बार पंचायत और शिक्षा विभाग को इस समस्या से अवगत कराया, परंतु अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
प्राचार्य और शिक्षकों ने जताई नाराजगी,शीघ्र समाधान की मांग
विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी, शौचालय की अनुपलब्धता और बाउंड्रीवॉल निर्माण में देरी से विद्यार्थियों और शिक्षकों को निरंतर असुविधा हो रही है। उन्होंने कहा कि कई बार इस विषय में विभागीय अधिकारियों को जानकारी दी जा चुकी है,परंतु कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने उठाई आवाज—‘विद्यालय हमारा गौरव,इसे बेहतर सुविधा मिले’
गांव के जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों ने भी प्रशासन से आग्रह किया है कि विद्यालय की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि बरोली विद्यालय न केवल स्थानीय बच्चों के लिए बल्कि आसपास के गांवों के विद्यार्थियों के लिए भी शिक्षा का मुख्य केंद्र है, ऐसे में सुविधाओं का अभाव बच्चों के भविष्य को अंधकारमय बना रहा है।
ग्रामीणों ने मांग की है कि शीघ्र ही शिक्षक पदों की पूर्ति की जाए,लड़कों के लिए शौचालय का निर्माण कराया जाए तथा बाउंड्रीवॉल निर्माण का कार्य तत्काल प्रारंभ किया जाए ताकि विद्यालय में सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का वातावरण निर्मित हो सके।



