पर्यावरण संरक्षण का सुंदर संगम शासकीय उच्च प्राथमिक शाला के बच्चों ने सीखी गुलदस्ता बनाने की कला,दिया पौधारोपण का संदेश

सरायपाली(किसड़ी) :- शासकीय उच्च प्राथमिक शाला किसड़ी में यूथ एवं ईको क्लब के तत्वावधान में एक रचनात्मक और शिक्षाप्रद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में कला,सृजनशीलता और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देना था कार्यक्रम में बच्चों ने न केवल गुलदस्ता बनाने की कला सीखी,बल्कि पौधारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया।
विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों को फूलों के महत्व,उनके प्रकार और उनके माध्यम से प्रकृति की सुंदरता को सहेजने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम की शुरुआत प्रेरणादायक बातों और उदाहरणों के साथ की गई,जिसमें बताया गया कि कैसे छोटे-छोटे रचनात्मक कार्य हमारे जीवन में आनंद और सकारात्मकता भर सकते हैं।
रचनात्मकता का उत्सव – बच्चों ने बनाए आकर्षक गुलदस्ते गुलदस्ता निर्माण गतिविधि के दौरान बच्चों में अपार उत्साह देखने को मिला। उन्हें रंग-बिरंगे फूलों,रिबन,पत्तियों और सजावटी सामग्रियों का उपयोग कर अपने-अपने तरीके से सुंदर गुलदस्ते बनाने का अवसर दिया गया। विद्यार्थियों ने अत्यंत लगन और कल्पनाशीलता के साथ भाग लिया और अपने बनाए गुलदस्तों से शिक्षकों व अतिथियों का स्वागत किया।
बच्चों की सृजनशीलता और कला प्रदर्शन ने उपस्थित सभी लोगों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले विद्यार्थी – मनोहर सोनवानी,आरव साहू,दुर्गेश मिर्धा,धनेश भोई,आशीष दीप,विनय साहू,अभिषेक कुम्हार,साहिल साहू,पुष्कर मिर्धा और प्रियांशु साहू – ने विशेष रूप से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
पौधारोपण के माध्यम से दिया हरियाली का संदेश कार्यक्रम के अंत में विद्यालय परिसर में फूलों वाले पेड़-पौधों का पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर शिक्षकों ने बच्चों को बताया कि पेड़-पौधे न केवल पर्यावरण की सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। विद्यार्थियों ने पौधों की नियमित देखभाल करने का संकल्प लिया। शिक्षकों ने यह भी बताया कि पौधारोपण और संरक्षण जैसी गतिविधियाँ बच्चों में जिम्मेदारी और प्रकृति के प्रति प्रेम की भावना को मजबूत करती हैं।
बच्चों की खुशी और सीख का नया अनुभव कार्यक्रम में शामिल बच्चों ने उत्साहपूर्वक कहा कि यह उनके लिए एक नया और प्रेरणादायक अनुभव था। एक छात्र ने कहा,“हमने आज सीखा कि साधारण फूलों से भी हम सुंदर कला रच सकते हैं और साथ ही पर्यावरण की रक्षा में योगदान दे सकते हैं।”
दूसरे छात्र ने बताया कि अब वे अपने घरों में भी गुलदस्ते बनाकर सजावट करेंगे और परिवार के साथ मिलकर पौधे लगाएंगे।
शिक्षकों की सराहनीय पहल
विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करते हैं। यूथ एवं ईको क्लब के संयोजकों ने कहा कि भविष्य में भी इसी तरह के शैक्षणिक और रचनात्मक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे,जिससे विद्यार्थियों में व्यावहारिक ज्ञान और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित हो सके।
शासकीय उच्च प्राथमिक शाला किसदी का यह प्रयास वाकई सराहनीय है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यालय ने बच्चों के भीतर छिपी रचनात्मक प्रतिभा को निखारने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का भी पौधारोपण किया है। इस तरह की गतिविधियाँ न केवल विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होती हैं, बल्कि उन्हें “सीखते हुए सृजन करने” की प्रेरणा भी देती हैं।




