
बसना/ग्राम बाराडोली में इस वर्ष दशहरा पर्व का आयोजन भले ही भारी बारिश के बीच हुआ, लेकिन ग्रामवासियों का उत्साह और श्रद्धा बारिश पर भारी पड़ा। ग्राम के मुख्य मैदान में भारी वर्षा के बावजूद लोगों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ रावण दहन और माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया।
जयकारों से गूंज उठा पूरा ग्राम
सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे और बीच-बीच में तेज वर्षा होती रही, मगर ग्रामवासियों के जोश में कोई कमी नहीं आई। ग्राम की युवा समिति एवं ग्राम के वरिष्ठ नागरिकों ने मिलकर दशहरा पर्व को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराया। ढोल-नगाड़ों की गूंज, शंखनाद और जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। विसर्जन यात्रा के दौरान ग्रामीण जन, महिलाएँ और बच्चे माँ दुर्गा की प्रतिमा के साथ नाचते-गाते चले।
रावण दहन और माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन
रावण दहन के समय जैसे ही अग्नि प्रज्वलित हुई, उपस्थित जनसमूह ने तालियों और जयघोष के साथ विजयादशमी के पर्व की शुभकामनाएँ दीं। आग की लपटों के साथ असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश गाँव के कोने-कोने तक पहुँचा। कार्यक्रम के आयोजन में ग्राम की युवा समिति, ग्राम पंचायत प्रतिनिधि और स्थानीय ग्रामीणजन की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
आस्था और उत्साह का अद्भुत उदाहरण
ग्राम के वरिष्ठजनों ने बताया कि “बारिश भले ही तेज थी, पर हमारी आस्था और उमंग उससे कहीं ज्यादा प्रबल थी।” कार्यक्रम के अंत में माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन नजदीकी तालाब में पूरे विधि-विधान से किया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने एक-दूसरे को दशहरा की शुभकामनाएँ देते हुए पर्व की समाप्ति की। ग्राम बाराडोली में इस तरह प्रतिकूल मौसम के बावजूद दशहरा पर्व का आयोजन धार्मिक आस्था, सामूहिक एकता और उत्साह का अद्भुत उदाहरण बन गया।



