एक अक्टूबर से लागू होंगे ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े नए नियम, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी

रूपानंद साव(छत्तीसगढ़ डेस्क) एक अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग पर नए नियम लागू हो जाएंगे. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. ऑनलाइन गेमिंग बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 अगस्त 2025 को अपनी मंजूरी दे दी थी. इस कानून को लाने का सरकार का मकसद सट्टेबाजी प्लेटफॉर्मों से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने और ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों और अन्य चीजों पर लगाम लगाना है.यह सब आनलाईन जुआ ऐप्स हैँ जहाँ रूपये पैसो का दाँव लगाना जोखिम भरा घातक हो सकता है यह विदेशो से संचालित होता है जिस पर कार्यवाही कर पाना जटिल हो सकता है.
सट्टेबाजी बेटिंग गेमिंग(आनलाईन जुआ) ऐप्स क्या हैं?
बेटिंग ऐप्स मोबाइल एप्लिकेशन होते हैं जो आपको सीधे अपने स्मार्टफोन या टैबलेट से ऑनलाइन खेलों और आनलाईन कैसीनो गेम्स पर दांव लगाने की सुविधा देते हैं। येमोबाईल मे डाऊनलोड होने के चलते-फिरते बेटिंग लगाने (जुआ खेलने )की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे आपको लाइव ऑड्स, इन-प्ले बेटिंग, प्रमोशन और यहाँ तक कि लाइव स्ट्रीमिंग, सब कुछ एक ही जगह पर मिल जाता हैजिसमें एवीटर बेटिंग आनलाईन जुआ ऐप, चिकन रोड बेटिंग गेम ऐप्प, जिली बेटिंग एप्प, तीन पत्ती, नंबर जोड़ें आदि ऑनलाइन जुआ बेटिंग ऐप्प सहित अनेक केसीनो ऐप मिल जायेगे जहां लोग 50 रू, 100 रू, दस हजार बीस हजार या उससे अधिक मोटी राशि को दांव मे लगा कर अपना किस्मत आजमाते हैँ.किसी भी प्रकार का हार जीत मे रूपये पैसो का दाव नही लगाना चाहिए इससे धन की हानि होती रहती है. और घर गृहस्थी मे संकट आ सकती है.
भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी(आनलाईन जुआ) ऐप्स की कानूनी स्थिति
भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स का कानूनी परिदृश्य जटिल है। कोई भी संघीय कानून स्पष्ट रूप से ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध नहीं लगाता है , जिसका अर्थ है कि अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस के साथ कानूनी रूप से संचालित होने वाले विदेशी सट्टेबाजी प्लेटफ़ॉर्म भारतीय खिलाड़ियों ( दांव लगानें वालों को )को सुरक्षित रूप से अपनी सेवाएँ प्रदान कर सकते हैं।
हालाँकि, भारत में जुए के कानून राज्यों के अनुसार अलग-अलग हैं। सिक्किम और गोवा जैसे कुछ राज्यों ने जुए के कुछ रूपों को वैध कर दिया है, जबकि अन्य राज्यों ने इस पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।हार जीत के लिये रुपयों लगाने वाला दांव मे जमा पूंजी डूबने का हमेसा खतरा बना रहता है
क्या भारत में सट्टेबाजी ऐप्स कानूनी हैं?
अगर आप सोच रहे हैं कि क्या भारत में सट्टेबाजी ऐप्स वैध हैं, तो इसका जवाब थोड़ा पेचीदा है। विदेशी सट्टेबाजी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने वाला कोई राष्ट्रीय कानून नहीं है, जिसका मतलब है कि आप दूसरे देशों में लाइसेंस प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म बेटिंग ऑनलाइन जुआ ऐप्स का इस्तेमाल कर तो सकते हैं। पर यह मानव जाति के लिये कभी कभी बहुत खतरनाक एवं जी का जंजाल वाली स्थिति निर्मित हो जाति है
एक अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग पर नए नियम लागू होंगे. केंद्र सरकार ने गुरुवार को इसकी घोषणा की है. केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी है. ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक 2025 को लोकसभा में केंद्र ने पारित किया था. इसमें ऑनलाइन सट्टेबाजी को दंडनीय अपराध बनाने का प्रावधान किया गया है. वैष्णव ने कहा “हमने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और हितधारकों के साथ कई बार चर्चा की है. कानून पारित होने के बाद एक बार फिर हम उनके साथ जुड़े हैं.” उन्होंने कहा कि सरकार ने बैंकों और अन्य हितधारकों से भी परामर्श किया है. वैष्णव ने कहा कि सरकार इस पर आगे भी परामर्श रखेगी.
उद्योग जगत के साथ फिर होगी चर्चा- वैष्णव
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से आयोजित एआई इम्पैक्ट समिट 2026 के पूर्व-कार्यक्रम समारोह में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा नियम लागू करने से पहले उद्योग जगत के साफ एक बार फिर चर्चा की जाएगी. वैष्णव ने कहा “हमने इसमें व्यावहारिक रूप से हर संभव हितधारक के साथ बातचीत की है और हमने नियमों को अंतिम रूप दे दिया है. ये नियम पहली अक्टूबर से लागू होंगे और उससे पहले हम उद्योग के साथ एक और दौर की चर्चा करेंगे.”
क्यों जरूरी है ऑनलाइन गेमिंग बिल
ऑनलाइन गेमिंग बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 अगस्त 2025 को अपनी मंजूरी दे दी थी. इस कानून को लाने का सरकार का मकसद सट्टेबाजी प्लेटफॉर्मों से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने और ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा देने वाले मशहूर हस्तियों पर निगरानी को सख्त करने का है. सरकार का तर्क है कि युवाओं को ऐसे जोखिम भरे गेमिंग एप्स से बचाना बेहद जरूरी है, जो उन्हें आर्थिक संकट में धकेल देते हैं. केंद्र सरकार का यह भी तर्क है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी पर अंकुश लगाकर पैसों की धोखाधड़ी और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने जैसी गतिविधियों को भी रोका जा सकता है.
संकलन -रूपानंद साव



