Uncategorized

परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव को दूर करने माध्यमिक शिक्षा मंडल के टोल फ्री नंबर पर निःशुल्क मिलेगा परामर्श

रायपुर /आने वाले समय में विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के पूर्व तनाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, किन्तु कई बार बच्चे उस तनाव के चलते अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं। यह समय बच्चों एवं पालकों के लिए बहुत ही संवेदनशील होता है तथा तनाव में रहने के कारण विद्यार्थी द्वारा कोई अप्रिय निर्णय लिए जाने की आशंका बढ़ जाती है। परीक्षा परिणामों को लेकर कई बार पालकों की भी नकारात्मक भूमिका सामने आई है।
यदि किसी भी विद्यार्थी में तनाव के लक्षण दिखाई देते हैं और परामर्श की आवश्यकता प्रतीत होती है, तो छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के टोल फ्री नंबर 18002334363 पर एक मई से 15 मई तक सुबह 10.30 बजे से शाम 5 बजे तक मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाईन टेलीमानस टोल फ्री नंबर 14416 पर चौबीस घंटे सातों दिन संपर्क कर निःशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा चिन्हांकित मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों, कैरियर सलाहकार तथा एससीईआरटी के विशेष अकादमिक सहयोग से ऑनलाईन दक्षता विकास प्रशिक्षण का आयोजन 26 अप्रैल को दोपहर 12 बजे से किया जा रहा है। जिसका वेबलिंक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, बीआरसीसी, छत्तीसगढ़ के माध्यम से सर्वसंबंधित शिक्षकों को भेजा जाएगा।

इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने सभी समस्त कलेक्टर, समस्त जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, बीआरसीसी और सीआरसीसी को पत्र जारी कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने कहा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव को दूर करने के लिए जनजागरण एवं सकारात्मक महौल, बच्चों एवं पालकों के मध्य लाया जाए, जिससे पालक, बच्चों पर अनावश्यक दबाव न बनाएं और न ही नकारात्मक प्रतिक्रिया दी जाए। किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सार्थक प्रयास किया जाए, इसके लिए यह बात विद्यार्थियों, माता-पिता तथा पालकों तक पहुंचाना है कि परीक्षा परिणाम आशा अनुरूप न होना, जीवन का कोई अंतिम परिणाम नहीं है। हमारे सम्मुख बहुत से ऐसे उदाहरण है, जिन्होंने शिक्षा के दौरान अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, किन्तु वे जीवन में अत्यंत सफल रहे हैं तथा वे हमारे प्रेरणा-स्त्रोत रहे हैं।

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि तनाव ग्रसित बच्चों में पूर्व से भी कुछ लक्षण दिखने लगते हैं, यथा शांत (मौन) रहना, अकेले गुमसुम रहना, किसी काम में मन न लगना, चिड़चिड़ापन, भूख नहीं लगना आदि इन तथ्यों के आधार पर बच्चों की समुचित निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

Narayan dubey

संपादक शिखर न्यूज छत्तीसगढ़

Related Articles

Latest
पद्मश्री हास्य कवि सुरेन्द्र दुबे का निधन, अस्पताल में ली अंतिम सांस 27 जून को बरपेलाडीही मे निकलेगी भगवान जगन्नाथ जी कि रथयात्रा यात्रा आपातकाल स्मृति दिवस पर सांसद रूपकुमारी चौधरी ने किया लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान गियर बदले, हौसले नहीं: अमित अग्रवाल की तीसरी एडवेंचरस यात्रा ने रचा नया कीर्तिमान जिला परिवहन अधिकारी महासमुंद और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम द्वारा 44 स्कूल बसों की सघन जांच की ग... पुरातात्विक और ऐतिहासिक नगरी सिरपुर में जिला स्तरीय ग्यारहवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम हुआ आ... श्री श्री विश्वनाथ मंदिर दूधिपाली में 22 जून को महादेव जी का जलाभिषेक,रुद्राभिषेक एवं हरिनाम संकीर्त... कपसाखूंटा मे वन भूमि पर ग्रामीणों का कब्ज़ा, वन विभाग की अनदेखी कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देश पर ग्राम बिरकोनी के 5 और ग्राम बड़गांव के एक रेत भण्डारण अन... रिमजी में नव प्रवेशी बच्चों का ऑटोग्राफ, लक्ष्य एवं पद चिन्ह लेकर प्रवेश उत्सव मनाया गया